“श्री मद्-भगवत गीता”के बारे में:–
गीता केवल एक ग्रंथ नहीं, बल्कि जीवन जीने की कला है। भगवान श्रीकृष्ण के उपदेश, अर्जुन के संदेह और धर्म की व्याख्या का अद्भुत संगम है। इसमें कर्म, ज्ञान और भक्ति योग का समन्वय दिखता है। गीता सिखाती है कि इंसान को अपने कर्तव्यों का पालन निस्वार्थ भाव से करना चाहिए और परिणाम की चिंता ईश्वर पर छोड़ देनी चाहिए। यह आत्मा, धर्म और मोक्ष का मार्गदर्शन प्रदान करती है। हर कठिनाई में गीता के उपदेश एक प्रकाशस्तंभ की तरह मार्ग दिखाते हैं। यह जीवन के हर पहलू को संतुलित और सार्थक बनाती है।
ॐ. किसको किसने सुनाई?
उ.- श्रीकृष्ण ने अर्जुन को सुनाई।
ॐ . कब सुनाई?
उ.- आज से लगभग 7 हज़ार साल पहले सुनाई
ॐ. भगवान ने किस दिन गीता सुनाई?
उ.- रविवार के दिन
ॐ. कौन सी तिथि को?
उ.- एकादशी को
ॐ. कहा सुनाई?
उ.- कुरुक्षेत्र की रणभूमि में
ॐ. कितनी देर में सुनाई?
उ.- लगभग 45 मिनट में
ॐ. क्यू सुनाई ?
उ.- कर्त्तव्य से भटके हुए अर्जुन को कर्त्तव्य सिखाने के लिए और आने वाली पीढियों को धर्म-ज्ञान सिखाने के लिए
ॐ. कितने अध्याय है?
उ.- कुल 18 अध्याय
ॐ. कितने श्लोक है?
उ.- 700 श्लोक
ॐ. गीता में क्या-क्या बताया गया है?
उ.- ज्ञान-भक्ति-कर्म योग मार्गो की विस्तृत व्याख्या की गयी है, इन मार्गो पर चलने से व्यक्ति निश्चित ही परमपद का अधिकारी बन जाता है
ॐ. गीता को अर्जुन के अलावा और किन किन लोगो ने सुना?
उ.- धृतराष्ट्र एवं संजय ने
ॐ. अर्जुन से पहले गीता का पावन ज्ञान किन्हें मिला था?
उ.- भगवान सूर्यदेव को
ॐ. गीता की गिनती किन धर्म-ग्रंथो में आती है?
उ.- उपनिषदों में
ॐ. गीता किस महाग्रंथ का भाग है…?
उ.- गीता महाभारत के एक अध्याय शांति-पर्व का एक हिस्सा है
ॐ. गीता का दूसरा नाम क्या है?
उ.- गीतोपनिषद
ॐ. गीता का सार क्या है?
उ.- प्रभु श्रीकृष्ण की शरण लेना
ॐ. गीता में किसने कितने श्लोक कहे है?
उ.- श्रीकृष्ण जी ने- 574
अर्जुन ने- 85
धृतराष्ट्र ने- 1
संजय ने- 40.
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अधूरा ज्ञान खतरनाक होता है